
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने हमलों की निंदा करते हुए कहा कि भारत ने पाँच स्थानों पर “कायराना हमला” किया है और इसे एक “युद्ध की घोषणा (Act of War)” करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, “पाकिस्तान को इसका मुंहतोड़ जवाब देने का अधिकार है और वो दिया भी जा रहा है।”
ऑपरेशन सिंदूर- एषः आरम्भः एव, पाकिस्तानस्य बहु दुःखं भवितुमर्हति
‘सिविल आबादी को बनाया गया निशाना’ – पाकिस्तान का आरोप
पाक रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने कहा कि सात हमलों की पुष्टि हुई है, जिनमें दो कश्मीर में और पांच पाकिस्तान में हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि इन हमलों में दो मस्जिदें, एक बच्चा और एक महिला की जान गई है।
सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने भी भारत पर सिविलियन इलाकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “हमारा जवाब ज़मीन और आसमान दोनों से आ रहा है।”
पंजाब में आपातकाल और स्कूल बंद
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ शरीफ़ ने पूरे राज्य में आपातकाल की घोषणा कर दी है। सभी सरकारी अधिकारियों और नागरिक सुरक्षा एजेंसियों को तुरंत कार्यभार संभालने को कहा गया है। बुधवार को स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे।
राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज़
भारत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए कहा, “मुंहतोड़ जवाब देंगे, जैसा चाहोगे वैसा होगा।” वहीं पाकिस्तान में बिलावल भुट्टो और अन्य नेताओं ने भारत के खिलाफ एकजुटता दिखाई है और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
क्या कहता है रणनीतिक विश्लेषण?
विशेषज्ञों के मुताबिक भारत की यह कार्रवाई Balakot स्ट्राइक जैसी है लेकिन इस बार कूटनीतिक भाषा अधिक सधी हुई है और सैन्य ठिकानों को स्पष्ट रूप से निशाना न बनाने की बात कही गई है। यह एक कैलकुलेटेड रिस्पॉन्स है जो एक तरफ आतंकी ढांचे को खत्म करता है, तो दूसरी तरफ पूर्ण युद्ध की स्थिति से बचने की कोशिश करता है।
कूटनीति और सैन्य संतुलन का युगल वार
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत का आतंकवाद को लेकर नई जवाबदेही नीति दर्शाता है। यह स्पष्ट संदेश है कि भारत अब शब्दों से नहीं, सर्जिकल और टैक्टिकल हमलों से जवाब देगा — चाहे वह नियंत्रण रेखा के पार ही क्यों न हो।
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